Syed Modi global: Saina Nehwal, Sameer Verma and Parupalli Kashyap enter quarters

Defending champion Sameer Verma and former champions Saina Nehwal and Parupalli Kashyap progressed to the quarterfinals of the Syed Modi global World tremendous Tour 300 with contrasting victories, right here on Thursday.

second-seeded Saina, who's a three-time winner of the Lucknow tourney, defeated Amolika Singh Sisodiya 21-14 21-9, while 2012 and 2015 champion Kashyap recovered from a game down to peer off Indonesia’s Firman Abdul Kholik 9-21 22-20 21-eight in one other in shape.

1/3 seed Sameer beat China’s Zhao Junpeng 22-20 21-17 and can meet China’s Zhou Zeqi.

Former Olympic bronze medallist, Saina will subsequent face eight seeded compatriot Rituparna Das, who beat fellow Indian Shruti Mundada 21-11 21-15 in a one-sided clash. Kashyap will meet Thailand’s Sitthikom Thammasin, seeded 8th.

B Sai Praneeth, seeded 4th, brushed aside Indonesia’s Shesar Hiren Rhustavito 21-12 21-10 and can tackle China’s Lu Guangzu, seeded sixth, ended the run of Saarlorlux champion Subhankar Dey with a 21-13 21-10 win.

In females’s singles, Sai Uttejitha Rao Chukka also notched up a 21-12 21-15 win over compatriot Reshma Karthik 21-12 21-15. she will rectangular off against former Olympic champion Li Xuerui, seeded seventh.

Satwiksairaj Rankireddy and Ashwini Ponnappa additionally entered the last eight with the aid of defeating compatriots Shivam Sharma and Poorvisha S Ram 12-21 21-14 21-15 in a combined doubles suit.

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भारतीय कृषि मिट्टी की सेहत, जल उपयोग तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रही है : सुरेश प्रभु

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य और उद्योग तथा नागर विमानन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि कृषि क्षेत्र की कमियों को तत्‍काल दूर करने की आवश्‍यकता है, क्‍योंकि भारत की अधिकतर आबादी अभी भी कृषि पर निर्भर है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय कृषि तीन प्रमुख चुनौतियों – मिट्टी की सेहत, पुन: स्‍थापित करने, जल के अधिकतम उपयोग तथा जलवायु परिवर्तन-का सामना कर रही है। श्री सुरेश प्रभु आज नई दिल्‍ली में भारतीय कृषि वैज्ञानिक, अंतर्राष्‍ट्रीय प्रशासक और भारत में हरित क्रांति के जनक डॉ. एम.एस.स्‍वामीनाथन के सम्‍मान समारोह में बोल रहे थे।
वाणिज्‍य मंत्री ने देश में अनाजों का उत्‍पादन बढ़ाने में डॉ. स्‍वामीनाथन के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि हरित क्रांति के परिणामस्‍वरूप भारत लगभग 15 वर्षों में खाद्यान्‍न के मामले में आत्‍म निर्भर हो गया। उन्‍होंने कहा कि भारत आज् 600 एमटी अनाज का उत्‍पादन करता है और अधिक अनाज के निर्यात की क्षमता रखता है। उन्‍होंने बताया कि वाणिज्‍य मंत्रालय कृषि निर्यात नीति तैयार कर चुका है, ताकि 2022 तक किसानों की आय बढ़ायी जा सके। उन्‍होंने कहा कि सरकार द्वारा कृषि सिंचाई योजना, फसल बीमा योजना, परम्‍परागत कृषि विकास योजना, मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड और ई-नेम जैसी लाई गई योजनाएं कृषि को लाभकारी बनाएंगी।

आज एक समारोह में उपराष्‍ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने डॉ. एम.एस.स्‍वामीनाथन को प्र‍थम विश्‍व कृषि पुरस्‍कार प्रदान किया। इस अवसर पर केरल के राज्‍यपाल न्‍यायमूर्ति पी.सतसिवम, हरियाणा के कृषि मंत्री ओ.पी.धनकण तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र भी उपस्थित थे।

 वित्‍त वर्ष 2017-18 में भारतीय निर्यात में 9.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ, जो पिछले छह वर्षों की सर्वाधिक वृद्धि दर है। भारत से होने वाले निर्यात में धनात्‍मक वृद्धि ऐसे समय में दर्ज की गई है, जब विश्‍व स्‍तर पर इस दृष्टि से प्रतिकूल माहौल देखा जा रहा है। यह बात केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने आज नई दिल्‍ली में आयोजित ‘निर्यात शिखर सम्‍मेलन 2018’ में कही, जिसका आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ ने किया। श्री प्रभु ने कहा कि वाणिज्‍य मंत्रालय भारत से होने वाले निर्यात में नई जान फूंकने के लिए एक विशिष्‍ट रणनीति पर काम कर रहा है। वाणिज्‍य मंत्रालय इसके तहत क्षेत्रवार, जिंस एंव क्षेत्र विशिष्‍ट निर्यात रणनीति तैयार करने के लिए निर्यात से जुड़े महत्‍वपूर्ण मंत्रालयों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि संबंधित मंत्रालयों के साथ बैठकें पहले ही हो चुकी हैं। इस दौरान विभिन्‍न मंत्रालयों और हितधारकों के साथ सलाह-मशविरा किया गया। इसके बाद सेक्‍टर-वार, जिंस-वार और क्षेत्र-वार विशिष्‍ट कदमों की रूपरेखा तैयार की गई है।
      श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि वह व्‍यक्तिगत तौर पर इस पर अपनी नजरें जमाए हुए हैं और विभिन्‍न क्षेत्रों (सेक्‍टर) से जुड़े मंत्रालयों, निर्यात संवर्धन परिषदों और निर्यातकों के साथ नियमित तौर पर बैठकें हो रही हैं। उन्‍होंने कहा कि निर्यात की वृद्धि दर को प्रभावित करने वाले कुछ विशेष मुद्दों को राजस्‍व विभाग और पर्यावरण मंत्रालय के समक्ष उठाया गया है।
     वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि जल्‍द ही पेश की जाने वाली कृषि निर्यात नीति से कृषि क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही किसानों की आय दोगुनी करने का मार्ग प्रशस्‍त होगा।
    भारत 600 एमटी कृषि उपज का उत्‍पादन करता है और वह पूरी दुनिया को अपना अधिशेष उत्‍पादन का निर्यात करने में सक्षम है।
     विदेश व्‍यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) श्री आलोक वर्धन चतुर्वेदी ने निर्यातकों के लिए विभिन्‍न प्रकियाओं को सरल बनाने के उद्देश्‍य से वाणिज्‍य मंत्रालय द्वारा हाल ही में उठाए गए विभिन्‍न कदमों का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि अब ज्‍यादातर प्रक्रियाएं ऑनलाइन हो गई हैं और संबंधित दस्‍तावेजों की हार्ड कॉपी पेश करने की जरूरत नहीं पड़ती है। श्री चतुर्वेदी ने कहा कि डीजीएफटी निर्यात संबंधी ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने पर भी विचार कर रहा है, ताकि पहली बार निर्यात क्षेत्र में उतर रहे लोगों को समुचित जानकारियां देने के साथ-साथ उन्‍हें प्रशिक्षित किया जा सके और इसके साथ ही उन्‍हें पर्याप्‍त सहूलियतें भी दी जा सकें। इसके अलावा, डीजीएफटी के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नेटवर्क में व्‍यापक फेरबदल करने की प्रक्रिया भी जारी है, ताकि संबंधित दस्‍तावेजों को ऑनलाइन प्रस्‍तुत करने में समय की बर्बादी न हो।